जुबान मेरी कड़वी मगर दिल साफ है, कौन कब बदला सबका हिसाब है। जिसे लमहों की किताब और यादें का कवर कहते हैं, जी चाहे कि दुनिया की हर एक फ़िक
जुबान मेरी कड़वी मगर दिल साफ है, कौन कब बदला सबका हिसाब है। जिसे लमहों की किताब और यादें का कवर कहते हैं, जी चाहे कि दुनिया की हर एक फ़िक